संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित खुली बहस “संयुक्त राष्ट्र संगठन: भविष्य की ओर दृष्टि” में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरिश ने देश का पक्ष रखकर कड़े शब्दों में कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा।
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित खुली बहस “संयुक्त राष्ट्र संगठन: भविष्य की ओर दृष्टि” में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरिश ने देश का पक्ष रखकर कड़े शब्दों में कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा। उन्होंने पाकिस्तान के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के तहत अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं, जो पाकिस्तान के लिए अपरिचित हैं।
‘यूएन संस्थाओं में ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व अपर्याप्त’
ग्लोबल साउथ के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा करते हुए पर्वतनेनी हरिश ने कहा कि ग्लोबल साउथ को संयुक्त राष्ट्र के सभी संस्थानों और प्रक्रियाओं में अधिक प्रतिनिधित्व और अधिकार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह समूह विशाल जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है और इसके सामने विशिष्ट चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने के लिए वैश्विक निर्णय लेने वाली संरचनाओं को और अधिक लोकतांत्रिक और समावेशी बनाने की जरूरत है।
‘विश्व को प्रतिस्पर्धा से अधिक सहयोग की आवश्यकता’
इसके साथ ही उन्होंने वैश्विक चुनौतियों पर भी जोर देते हुए कहा कि महामारी, आतंकवाद, आर्थिक अस्थिरता और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं और आपस में जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि विश्व को अंतरराष्ट्रीय राजनीति के प्रतिस्पर्धी पहलुओं से परे जाकर अधिक सहयोग की आवश्यकता है।






