बिहार चुनाव के दूसरे चरण की 122 सीटों में से 19 पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही है। इनमें से छह सीटों पर महागठबंधन के ही घटक दल आमने-सामने हैं, जबकि पांच सीटों पर बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने पूर्व दलों की नींद उड़ा दी है।
नई दिल्ली (आनन्द श्रीवास्तव): बिहार चुनाव के दूसरे चरण की 122 सीटों में से 19 पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही है। इनमें से छह सीटों पर महागठबंधन के ही घटक दल आमने-सामने हैं, जबकि पांच सीटों पर बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने पूर्व दलों की नींद उड़ा दी है।
जदयू के दो बागी उम्मीदवार- गोपालपुर से गोपाल मंडल और दिनारा से पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह मैदान में हैं। इन सीटों पर जदयू के बुलो मंडल (गोपालपुर) और रालोमो के आलोक सिंह (दिनारा) को महागठबंधन के साथ-साथ बागियों से भी मुकाबला करना पड़ रहा है।
कांग्रेस के बागी आफाक आलम कसबा सीट पर और राजद की बागी रितु जायसवाल परिहार सीट पर अपनी पुरानी पार्टियों के लिए परेशानी बढ़ा रही हैं। वहीं, रुपौली सीट पर निर्दलीय विधायक शंकर सिंह के सामने राजद और जदयू दोनों की चुनौती है।
सासाराम सीट पर रालोमो नेता उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के खिलाफ त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां राजद के वैश्य बिरादरी के प्रत्याशी सत्येंद्र शाह और बसपा के सिंबल पर खड़े कुशवाहा जाति के पूर्व विधायक अशोक कुमार से उनकी टक्कर है। अशोक कुमार लोकल नेता हैं और स्नेहलता की ही बिरादरी से हैं। ऐसे में कुशवाहा वोटरों की स्थिति तय करेगी कि स्नेहलता जीतेंगी या नहीं।
महागठबंधन के फ्रेंडली फाइट वाले छह में से चार सीटें- सुल्तानगंज, कहलगांव, सिकंदरा और नरकटियागंज एनडीए के सामने राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। नरकटियागंज में मुकाबला दिलचस्प है, जहां एनडीए के संजय पांडेय के सामने कांग्रेस से शाश्वत केदार पांडेय और राजद से दीपक यादव खड़े हैं।






