नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने लोकपाल की ओर से कारों की खरीद के लिए जारी विज्ञापन पर तंज कसा गया है। लोकपाल कार्यालय की ओर से विज्ञापन जारी हुआ है, जिसमें 7 BMW को कारों को खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। इसे लेकर जयराम रमेश ने तंज कसा है कि आखिर लोकपाल को इन लग्जरी कारों की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि लोकपाल अब शौकपाल बन गया है। उन्होंने कहा कि मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर भ्रष्टाचार के कितने मामलों में लोकपाल ने जांच की है और उसने कितनी गिरफ्तारियां की हैं।
उन्होंने कहा, ‘लोकपाल अब लोकपाल नहीं रह गया है। वह अब शोकपाल है या फिर शौकपाल है। अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, इंडिया अगेंस्ट करप्शन और आरएसएस ने 2012 और 2013 में खूब प्रचार किया था कि लोकपाल कितना जरूरी है और क्या-क्या काम करेगा। अब खुद ही देखिए कि लोकपाल क्या कर रहा है। आखिर लोकपाल ने कौन सी जांच की है और उसने किन लोगों को अरेस्ट किया है?’ उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला और कहा कि वह तो रूस से तेल खरीद ही कम करने वाले हैं। अमेरिका के दबाव में ऐसा कर रहे हैं और मानने को तैयार भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आखिर अब नमस्ते ट्रंप की क्या स्थिति है।
जयराम रमेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी जो छिपाते हैं, वह डोनाल्ड ट्रंप उजागर कर देते हैं। उन्होंने कहा कि आखिर पीएम मोदी ने मान लिया है कि उनकी डोनाल्ड ट्रंप से बात हुई थी। लेकिन इतना ही बताया कि हैपी दीवाली बोला है। लेकिन जो वह छिपाते हैं, वह तो ट्रंप बता देते हैं। रमेश ने कहा कि बीते 6 दिनों में डोनाल्ड ट्रंप 4 मौकों पर बता चुके हैं कि उनकी पीएम मोदी से बात हुई है और भरोसा मिला है कि भारत रूसी तेल की खरीद कम कर देगा।
कांग्रेस लीडर ने कहा कि हमें ऑपरेशन सिंदूर रोकने की जानकारी भी पहले डोनाल्ड ट्रंप से ही मिली थी। अब रूसी तेल की खरीद कम करने की जानकारी भी ट्रंप से ही मिल रही है। आखिर पीएम मोदी क्या और क्यों छिपाते हैं। वह किसके दबाव में हैं। उन्हें किस बात का डर है। हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसी चीजें अब खत्म हो गई हैं। यह साफ हो गया कि दोस्त-दोस्त ना रहा।
लोकपाल का कब हुआ था गठन और कौन हैं अध्यक्ष
बता दें कि भारत में लोकपाल एक स्वतंत्र भ्रष्टाचार-विरोधी अथॉरिटी है। इसका गठन जनहित में राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए किया गया है। इसकी स्थापना लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत की गई थी, जिसे 2010 में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में जन लोकपाल आंदोलन के बाद संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था। लोकपाल के वर्तमान अध्यक्ष न्यायमूर्ति अजय माणिकराव खानविलकर हैं, जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं।
लोकपाल के पास हैं क्या-क्या अधिकार
लोकपाल को कथित तौर पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और समूह क, ख, ग और घ के केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने का अधिकार है। इसका अधिकार क्षेत्र संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित या केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित किसी भी बोर्ड, निगम या ट्रस्ट के अध्यक्षों, सदस्यों और अधिकारियों के साथ-साथ 10 लाख रुपये से अधिक का विदेशी अंशदान प्राप्त करने वाली सोसाइटियों या ट्रस्टों तक भी फैला हुआ है।






