दीवाली को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बयान ने सियासी माहौल गरमा दिया है। अखिलेश ने दीपों और मोमबत्तियों को फिजूलखर्च बताते हुए कहा कि हमें क्रिसमस से सीख लेनी चाहिए।
नई दिल्ली: दीवाली को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बयान ने सियासी माहौल गरमा दिया है। अखिलेश ने दीपों और मोमबत्तियों को फिजूलखर्च बताते हुए कहा कि हमें क्रिसमस से सीख लेनी चाहिए। जहां शहर सजावट और रोशनी से जगमगाते हैं।
उन्होंने अयोध्या में योगी सरकार की ओर से हर साल अयोध्याजी में आयोजित किए जाने वाले भव्य दीपोत्सव पर भी सवाल उठाया। उनके इस बयान पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने यह कहकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा है कि यह हमारे त्यौहारों के प्रति उनकी संवेदनहीनता दिखाता है।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि अखिलेश यादव का यह बयान न सिर्फ़ चौंकाने वाला है बल्कि हमारे त्यौहारों के प्रति संवेदनहीनता भी दिखाता है। सपा प्रमुख ने कहा कि पूरी दुनिया में क्रिसमस पर शहर रोशनी से जगमगाते हैं, हमें उनसे सीखना चाहिए। दीए और मोमबत्तियों पर पैसा खर्च करने का क्या मतलब? सरकार को हटाना चाहिए, हम और सुंदर लाइट्स लगाएंगे।
दीवाली हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रतीक है। यह सिर्फ़ रोशनी का त्यौहार नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देती है। दीए और मोमबत्तियाँ हमारी परंपरा का हिस्सा हैं, जिनमें घर-घर की भावना और श्रद्धा जुड़ी होती है। इन्हें पैसे की बर्बादी कहना न सिर्फ़ अनुचित है बल्कि हिन्दू आस्था का अपमान भी है। त्यौहारों की तुलना करने के बजाय, अखिलेश यादव को भारत की विविध परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है।






