नई दिल्ली: आज अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस विश्वभर में मनाया जा रहा है। यह दिवस 20 जुलाई 1924 को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (FIDE) की स्थापना की स्मृति में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
इस अवसर पर FIDE ने 2025 को “सामाजिक शतरंज वर्ष” के रूप में मनाने की घोषणा की है। इसका उद्देश्य समावेशिता, शिक्षा, सशक्तिकरण और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए शतरंज को एक प्रभावी माध्यम के रूप में स्थापित करना है।
इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस की थीम है — “हर चाल मायने रखती है”, जो इस विचार को उजागर करती है कि हमारे जीवन में लिया गया प्रत्येक निर्णय हमारी यात्रा की दिशा तय करता है।

भारत के विश्वनाथन आनंद से लेकर नई पीढ़ी के उभरते प्रतिभाशाली खिलाड़ी, इस खेल को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिला रहे हैं। शतरंज न केवल बौद्धिक विकास का साधन बन चुका है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और मानसिक संतुलन का भी प्रतीक बन रहा है।