नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर दिए गए बयान से देश की राजनीति में उबाल आ गया है। कांग्रेस ने इस बयान को बेहद गंभीर बताते हुए इसे संसद में उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी का कहना है कि इस विषय पर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जवाब देना चाहिए, किसी मंत्री या प्रवक्ता की सफाई स्वीकार्य नहीं होगी।
ट्रंप के बयान से उठा सियासी तूफान
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ एक रात्रिभोज के दौरान दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए टकराव में “पांच लड़ाकू विमान मार गिराए गए थे।” हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान भारत के थे या पाकिस्तान के, लेकिन उनके बयान ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है।
राहुल गांधी का सीधा सवाल: “5 जहाजों का सच क्या है?”
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर डोनाल्ड ट्रंप का वीडियो साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, “मोदी जी, 5 जहाजों का सच क्या है? देश को जानने का हक है।” राहुल गांधी पहले भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों ले चुके हैं और आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार अमेरिकी दबाव के सामने झुक गई थी।
मोदी जी, 5 जहाज़ों का सच क्या है?
देश को जानने का हक है! pic.twitter.com/mQeaGCz4wp
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2025
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछे तीन सवाल
कांग्रेस ने सरकार से इस पूरे प्रकरण पर तीन महत्वपूर्ण सवाल सार्वजनिक रूप से पूछे हैं:
- क्या डोनाल्ड ट्रंप ने वास्तव में भारत-पाक युद्धविराम रोकने का दावा किया है, जैसा कि उन्होंने 24 बार कहा?
- क्या ट्रंप ने व्यापारिक धमकी देकर भारत पर दबाव बनाया था?
- यदि युद्ध के दौरान पांच लड़ाकू विमान गिरे थे, तो वे किस देश के थे?
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक दो दिन पहले, ‘ट्रंप मिसाइल’ 24वीं बार दागी गई -और हर बार की तरह इस बार भी वही दो बातें दोहराई गईं:
1. अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान,दो परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध रोक दिया।
2. अगर युद्ध जारी रहा , तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा । यानी… https://t.co/5OzmvSZquG
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 19, 2025
संसद में विशेष चर्चा की मांग
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह विषय राष्ट्रीय सुरक्षा और पारदर्शिता से जुड़ा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में पार्टी इस मुद्दे पर विशेष चर्चा की मांग करेगी।
“हम प्रधानमंत्री से प्रत्यक्ष जवाब चाहते हैं। किसी मंत्री की सफाई स्वीकार्य नहीं है,” जयराम रमेश ने स्पष्ट किया।
मोदी-ट्रंप संबंधों पर भी उठे सवाल
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के संबंधों की भी चर्चा की। उन्होंने ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ जैसे आयोजनों का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे की नजदीकियां दिखाई थीं। अब जब ट्रंप का बयान सामने आया है, तो प्रधानमंत्री को देश को स्पष्ट रूप से जानकारी देनी चाहिए कि उस समय क्या हुआ था।
विपक्ष का रुख स्पष्ट: जवाब नहीं तो हंगामा तय
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस विषय को पारदर्शिता और जनता के अधिकार से जोड़कर देख रहे हैं। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि यदि सरकार इस विषय को टालने की कोशिश करती है, तो संसद के भीतर तीखा विरोध और हंगामा हो सकता है।