वाराणसी: सावन माह में जारी कांवड़ यात्रा को लेकर फैल रहे विवादों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को स्पष्ट कड़ा संदेश दिया। वाराणसी में भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने धार्मिक आयोजनों में अनुशासन की आवश्यकता पर बल देते हुए मुहर्रम के अवसर पर जौनपुर में हुई दुर्घटना को लेकर सख्त टिप्पणी की। साथ ही उन्होंने कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिशों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी।
जौनपुर ताजिया हादसे का जिक्र, नियम उल्लंघन पर जताई नाराजगी-
मुख्यमंत्री योगी ने जौनपुर में मुहर्रम के दौरान ताजिया जुलूस में हुई दुर्घटना को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने पहले ही ताजिया की ऊंचाई सीमित करने का निर्देश दिया था, ताकि हाईटेंशन तारों से टकराकर कोई हादसा न हो। लेकिन आदेश की जानबूझकर अनदेखी की गई, जिससे तीन लोगों की जान चली गई।
क्योंकि ये लातों के भूत हैं, बातों से मानेंगे नहीं… pic.twitter.com/5YsCQt5psq
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 18, 2025
सीएम ने कहा, “लोगों ने इसके बाद सड़क जाम कर उपद्रव फैलाने की कोशिश की, जिससे पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। ये लातों के भूत हैं, बातों से नहीं मानेंगे।”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कांवड़ियों को उपद्रवी कहने वाले वही लोग हैं जिन्होंने जनजातीय समाज को दशकों तक राष्ट्र की मुख्यधारा से अलग रखा. कुछ लोग फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर समाज में जातीय भेदभाव और वैमनस्य फैलाने का षड्यंत्र कर रहे हैं.
धार्मिक आयोजनों में होगा नियमों का पालन-
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि धार्मिक आयोजनों को अनुशासन और तय दिशा-निर्देशों के तहत ही आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ताजिया की ऊंचाई मनमर्जी से नहीं बढ़ाई जा सकती। पेड़ों की टहनियां काटना, छज्जे तोड़ना या हाईटेंशन तार हटवाना अन्य नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है जो नियमों के अनुसार बिजली का उपयोग करते हैं।
कांवड़ियों को बदनाम करने वालों पर निशाना-
सीएम योगी ने उन लोगों पर भी कटाक्ष किया जो कांवड़ यात्रा जैसे पवित्र आयोजन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ मीडिया वर्गों द्वारा कांवड़ियों को ‘आतंकी’ और ‘उपद्रवी’ बताया जा रहा है, जबकि ये लोग 300 से 500 किलोमीटर तक पैदल चलकर अपनी धार्मिक आस्था का पालन करते हैं।”
सामाजिक वैमनस्य फैलाने वालों की पहचान जरूरी-
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में एक पुरानी आगजनी की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस समय एक भगवा गमछा पहने व्यक्ति को दोषी बताया गया था, लेकिन बाद में उसकी असली पहचान दूसरे समुदाय के व्यक्ति के रूप में सामने आई।
सीएम योगी ने कहा, “जब तक ऐसे विघटनकारी लोगों की पहचान नहीं होती, तब तक राष्ट्रीय एकता मजबूत नहीं हो सकती।”