एससीओ बैठक में पाकिस्तान का दोहरा रवैया उजागर, डार ने शांति की वकालत के बीच भारत पर लगाया आरोप

नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक बार फिर अपने दोहरे रवैये का प्रदर्शन किया। भारत के साथ शांति और कूटनीति की बात करते हुए डार ने एक ओर संबंधों में स्थिरता की वकालत की, वहीं दूसरी ओर हालिया पहलगाम हमले के संदर्भ में भारत पर आरोप लगाने से भी पीछे नहीं हटे।

शांति और स्थिरता की बात, लेकिन आरोपों से बाज़ नहीं

बैठक के दौरान डार ने कहा, “हमें संघर्ष या दबाव के बजाय संवाद और कूटनीति से मतभेदों का समाधान तलाशना चाहिए।” उन्होंने दक्षिण एशिया में हाल के घटनाक्रमों पर चिंता जताई और पहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान को इस मामले में “बिना किसी सबूत के दोषी ठहराया गया।” उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को एक संघर्षविराम समझौता हुआ है।

क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता जताई

इशाक डार ने अपने वक्तव्य में कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बल प्रयोग को अस्वीकार करते हुए कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि “विस्तृत वार्ता से लंबे समय से चले आ रहे विवादों का हल संभव है।” डार ने द्विपक्षीय समझौतों का पालन करने की बात दोहराई।

 

 

एससीओ बैठक के बाद डार ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमने बहुपक्षवाद और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। शंघाई भावना संवाद और विश्वास के मार्ग को प्रशस्त करती है।”

ऑपरेशन सिंदूर और भारत की जवाबी कार्रवाई

डार के बयान उस वक्त आए हैं जब भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया था। इस सैन्य अभियान के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ढांचों को ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिए निशाना बनाया गया। चार दिनों तक चले इस ऑपरेशन के बाद दोनों देशों ने संघर्षविराम पर सहमति व्यक्त की थी।

आतंकवाद पर कड़ा रुख लेकिन दोगला रुख बरकरार

डार ने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताया और सभी प्रकार के आतंकवाद, खासकर “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” की निंदा की। उन्होंने इसके मूल कारणों को दूर करने के लिए “सहयोगात्मक दृष्टिकोण” अपनाने की बात कही। हालांकि भारत द्वारा लगातार उठाए गए आतंकवादी ठिकानों के मुद्दे पर उन्होंने कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया।

फलस्तीन मुद्दे पर इजराइल की आलोचना

गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई की आलोचना करते हुए डार ने फलस्तीन के दो-राज्य समाधान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 1967 की सीमाओं के आधार पर फलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाया जाना चाहिए जिसकी राजधानी अल-कुद्स हो।

आर्थिक सहयोग और जलवायु परिवर्तन पर भी बोले डार

डार ने बैठक में आर्थिक सहयोग, राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने की अपील की। उन्होंने कहा कि एससीओ वैश्विक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।

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